संज्ञा की परिभाषा- Sangya Ki Paribhasha किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु या नाम के गुण, धर्म और स्वभाव को प्रकट करने वाले शब्द को संज्ञा कहते हैं। उदाहरण ... संज्ञा के पांच भेद होते हैं: 1. व्यक्तिवाचक संज्ञा (vyakti vachak sangya in hindi) जो शब्द केवल एक व्यक्ति, वस्तु या स्थान का बोध कराते हैं उन शब्दों को व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे- भारत, चीन (स्थान), किताब, साइकिल (वस्तु), सुरेश,रमेश,महात्मा गाँधी (व्यक्ति) आदि।. संज्ञा वह शब्द है जिससे किसी वस्तु, प्राणी, स्थान, गुण, कार्य या भाव का बोध होता है और उसे संज्ञा कहा जाता है। यह नाम किसी व्यक्ति विशेष का भी हो सकता है, जैसे मोहन, या किसी सामान्य वस्तु का भी, जैसे किताब, पानी आदि।. उदाहरण के लिए: संज्ञा के कितने भेद होते हैं? संज्ञा के पांच भेद होते हैं, जिनकी जानकारी निम्नलिखित है –. उपर्युक्त वाक्यों में रेखांकित शब्द किसी व्यक्ति , वस्तु, स्थान , भाव, समूह, धातुओं का संकेत करते हैं। अतः संज्ञा को इस रूप में परिभाषित किया जा सकता है : “ किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भाव के नामो को संज्ञा कहते हैं ।” जैसे : राम, मोहन, आगरा, विद्यालय, पुस्तक, मेज, सुंदरता, बुढ़ापा, झुण्ड, सेना, सोना, लोहा इत्यादि।.