संधि विच्छेद (Sandhi Viched) : स्वर संधि, दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण, अयादि ... संधि विच्छेद का मतलब और कुछ प्रकार के प्रकलित संधि विच्छेद को देखें। संधि विच्छेद का प्रकार है- संधि में पदों को मूल रूप में पृथक कर देना है स्वर संधि के भेद स्वर संधि को चार मुख्य भागों में विभाजित किया गया है: 1. दीर्घ संधि (Deergh Sandhi) परिभाषा: जब समान स्वरों के मिलने से दीर्घ स्वर बनता है, तो इसे दीर्घ संधि कहते हैं। 📌 नियम: अ + अ = आ इ + इ = ई ... i) दीर्घ सन्धि (अक: सवर्णे दीर्घ:) — ्नद ह्रस्व ्या दीर्भ अ, इ, उ तरया 'ऋ' स् वरों के पशचयात् ह्रस्व ्या दीर्भ अ, इ, उ ्या ऋ स्वर आएँ तो दोनों न मलकर क्रमश: आ, ई, ऊ तरया ऋॄ हो जयाते हैं। अ/आ + आ/अ = आ इ/ई + ई/इ = ई उ ...