जानें सिंधु जल संधि क्या है? इसके रद्द होने से पाकिस्तान पर क्या प्रभाव पड़ेगा एक नाटकीय बदलाव के तहत, भारत ने 1960 में लागू हुई सिंधु जल संधि (इंडस वॉटर ट्रीटी) को पहली बार निलंबित कर दिया है ... सिंधु जल संधि का लेखा-जोखा प्रस्तुत कीजिये और बदलते द्विपक्षीय संबंधों के संदर्भ में इसके पारिस्थितिक, आर्थिक और राजनीतिक निहितार्थों की जाँच कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2016) सिन्धु जल संधि, नदियों के जल के वितरण के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच हुई एक संधि है। इस सन्धि में विश्व बैंक (तत्कालीन 'पुनर्निर्माण और विकास हेतु अंतरराष्ट्रीय बैंक') ने मध्यस्थता की। [1][2] इस संधि पर कराची में 19 सितंबर, 1960 को भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने हस्ताक्षर किए थे।. जेएनएन, नई दिल्ली। पहलगाम हमले के बाद भारत ने जो कदम उठाए हैं, उनमें सबसे बड़ा फैसला है- सिंधु जल समझौते पर रोक लगाना। पाकिस्तान की खेती, पीने का पानी और बिजली उत्पादन का बड़ा हिस्सा इसी पानी पर निर्भर है। यह पहला मौका है जब भारत ने सिंधु जल समझौता पर रोक लगाई है।.